जमशेदपुर के बागबेड़ा गैर टिस्को क्षेत्र में गंदा पानी का सप्लाई हो रहा है. गंदा पानी सप्लाई होने कारण बागबेड़ा की एक लाख की आबादी गंदा पानी पीने को विवश हैं. पीने के सप्लाई हो रहा पानी ऐसा है कि जिसे जानवर भी मुंह न लगाएं. शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के जिला प्रशासन के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं. बागबेड़ा में पानी का सप्लाई 6 साल पहले शुरू हुई थी, उस वक्त भी भाजपा की सरकार थी. इलाके में पानी की सप्लाई तो शुरू हुई लेकिन 6 साल से लोगों गंदे पानी की सप्लाई हो रही है.
शुद्ध पेयजल की सप्लाई को लेकर बागबेड़ा की जनता ने जमशेदपुर से राजधानी रांची तक पैदल मार्च किया, ताकि लोगों को शुद्ध पानी मिल सके. इतना ही नहीं तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बागबेड़ा जलापूर्ति योजना की नींव रखी थी.
उस वक्त मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ऐलान किया था कि 18 महीने में यह योजना काम करने लगेगा. लेकिन इस योजना के धरातल पर आते-आते 3 साल बीत गया.
बागबेड़ा की जनता इन दिनों गंदा पानी के कारण बीमार पड़ रहे हैं, हालांकि लोग अब बाहर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं, लेकिन इस पर ना तो स्थानीय प्रशासन की नजर है और ना ही सरकार की वैसे स्थानीय लोग शुद्ध पेयजल को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं. हर बार आंदोलन सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि बागबेड़ा के लोगों को कब तक शुद्ध पेयजल मिल पाता है या यह मामला है ठंडे बस्ते में पड़ जाता है.